प्रथम विश्वयुद्ध First world war || द्वितीय विश्वयुद्ध Second world war || शीत युद्ध Cold war || Khan Sir History PDF Notes

First world war प्रथम विश्वयुद्ध


प्रथम विश्वयुद्ध [First world war (01 Aug. 1914 - 11 Nov. 1918)]


* प्रथम विश्व युद्ध में पूरा विश्व दो भागों में बंट गया था एक भाग का नाम मित्र राष्ट तथा दूसरे का नाम धुरी राष्ट्र था।


* मित्र राष्ट्र के इंग्लैण्ड फ्रांस, रुस, जापान तथा अमेरिका का मित्र राष्ट का नेतृत्व अमेरिका कर रहा था।


* धुरी राष्ट्रों के अन्तर्गत जर्मनी, इटली आस्ट्रेलिया तथा हंगरी धुरी राष्ट्रों का नेतृत्व Germany कर रहा था। 


* मित्रों राष्ट्रों ने इटली को लालच दिया कि वे युद्ध समाप्ती के बाद इटली को कुछ भूमि देंगे। किन्तु उन्होंने इटली को कुछ भी नहीं दिया। 


* प्रथम विश्व युद्ध का तत्कालिक कारण आस्ट्रीया के राजकुमार फर्डिनेण्ड की हत्या। 28 जून, 1914 को वोत्सिनिया की राजधानी सेरेजेबो में कर दिया गया। इस घटना को सेरेजेवो हत्याकाण्ड कहा गया। 


* प्रथम विश्व युद्ध में कुल 37 देश ने भाग लिया। पूरा विश्व इसमें भाग नहीं लिया। किन्तु पूरे विश्व की अर्थव्यवस्था को प्रभावित किया। अतः इसे विश्व युद्ध कहा जाता है। 


* इस युद्ध की शुरुआत 01 अगस्त, 1914 को जर्मनी द्वारा रुस के आक्रमण से हुआ। 


* जर्मनी एवं फ्रांस 03 अगस्त को युद्ध कर लिये। जर्मनी ने 8 अगस्त को इंग्लैण्ड पर भी हमला कर दिया। 


* 26 अप्रैल, 1915 को इटली इस युद्ध में प्रेवश कीया। इस युद्ध में सबसे अन्त में 06 अप्रैल, 1917 को अमेरिका प्रवेश किया क्योंकि अमेरिका के जलयान को जर्मनी की पनडूब्बी यू-बोलस ने डूबो दिया। यह युद्ध पूर्ण रूप से वरसाय की संधि के द्वारा जून, 1919 में समाप्त हुआ। 


वरसाय की संधि (June 1919)


* यह संधि फ्रांस की पेरिस में स्थित वरसाय के महल में हुआ।


* यह संधी जर्मनी पर जबरदस्ती थोपी गयी थी। इस संधी की शर्ते निम्नलिखित हैं


(1) जर्मनी की सेना एक लाख से अधिक नहीं हो सकती। 


(2) जर्मनी कभी भी घातक हथियार नहीं रख सकता है।


(3) जर्मनी को युद्ध के दौरान मित्र राष्ट्र द्वारा किये गये खर्च का वहन करना पड़ा। 


(4) जर्मनी का राईन लैण्ड रुर घाटी जैसे-कोयला क्षेत्र को फ्रांस को 15 वर्षों के लिये दे दिया गया।


* यह संधि ही द्वितीय विश्व युद्ध जैसे विशाल वृक्ष के बिज के समान कार्य किया। 


तुर्की गणराज्य-


* तुर्की को यूरोप का मरिज कहा जाता है। यह एरिया तथा यूरोप दोनों में पड़ता है। यह एक मुस्लिम देश है। 


* प्रथम विश्व युद्ध से पहले अंग्रेजों ने यह वादा किया था कि तुर्की का विभाजन नहीं होगा किन्तु प्रथम विश्व युद्ध के बाद सेवर्स के संधि द्वारा तुर्की को मित्र राष्ट्रों ने आपस में बांट लिया। इस संधि का मुस्तफा कमाल पासा ने विरोध किया। इस संधि के खिलाफ भारत में भी खिलाफत आंदोलन चलाया गया। 


* अक्टूबर, 1923 को तुर्की को गणराज्य घोषित कर दिया गया। अर्थात् अब तुर्की में राजा न होकर चुनाव के द्वारा राष्ट्र प्रमुख की व्यवस्था की गयी। 


* April, 1924 को तुर्की संविधान बनाया गया और मुस्तफा कमाल पासा को राष्ट्रपति बनाया गया। 


* मुस्तफा कमाल पासा को आधुनिक तुर्की का राष्ट्रपति (आतातुर्क) कहा जाता है।


इटली में फासीवाद 


* इटली में फासीवाद का जनक मुसोलिनी को माना जाता है। मुसोलिनी ने फासीवाद की शुरुआत इटली के मिलान शहर

से किया। 


* मुसोलिनी का पुत्र नाम डोमिटो मुसोलिनी था। उसे ड्यूस कहकर बुलाया जाता था।


* मुसोलिनी अपने सेना अधिकारियों को डियाज कह कर बुलाता था। 


* द्वितीय विश्व युद्ध में मुसोलिनी मित्र राष्ट्रों के विरुद्ध लड़ा था।


* मुसोलिनी का कहना था कि विश्व शांति कायरों का सपना है। वह व्यक्ति जो युद्ध नहीं लड़ा है वह एक बांझ महिला के समान है। 


* फांसीवादी का अर्थ होता है एक सुदृढ़ राष्ट्र की स्थापना।


* फांसीवादी के मानने वाले लोग जाति के उच्चतर में विश्वास रखते हैं। 


* 28 अप्रैल, 1945 को मुसोलिनी को कैद कर फांसी दे दी गयी। इस प्रकार इटली के फांसीवाद का अन्त हो गया।


जर्मनी का नाजीवाद 


* जर्मनी का नाजीवाद का जनक एडोल्फ हिटलर को माना जाता है।


* इसने नाजीदल की स्थपना 1921 में की। 


* 1923 ई. में हीटलर ने म्युनिसा शासक का सत्ता पलट दिया किन्तु असफल रहा। जिस कारण हिटलर को बन्दी बना लिया गया। 


* जेल में हिटलर ने अपनी आत्मकथा मीन कैम्प लिखी। जिसका अर्थ होता है मेरा संघर्ष (जर्मनी भाषा में)। 


* 1982 ई. में जर्मनी का P.M. हिटलर बना। और April, 1933 ई. में हिटलर ने जर्मनी के लिए एक सुरक्षा परिषद का गठन किया और उसका अध्यक्ष बना। 


* हिटलर ने एक गुप्तचर व्यवस्था प्रारम्भ किया। जिसे गेस्टापो कहते हैं। हिटलर का नारा था- एक राष्ट्र नेतां 


* हिटलर यहूदी धर्म का कट्टर विरोधी था। अतः इसे फ्यूहरर कहते हैं। 


* R. हेन्स ने कहा है कि जर्मनी मतलब हिटलर और हिटलर मतलब जर्मनी, जो हिटलर को प्रति वचनबद्ध है। वो जर्मनी के प्रति भी वचनबद्ध है। हिटलर ने वरसाय की सारी संधि तोड़ दिया। उसने अपने सेना का शस्तीकरण करने लगा। हिटलर के लड़ाकू जहाज को लूफत्वाफ कहते थे। हिटलर की पनडूब्बी को यू-बोटस कहते थे। पनडूब्बीयों में पेट्रोल भरनेवाली छोटी जहाज को Mikcoo कहते थे। 


* द्वितीय विश्व के दौरान जर्मनी मित्र राष्ट्रों की सेना में चारों ओर से घिर गया। और 30 अप्रैल, 1945 को हिटलर अपनी पत्नी इवा ब्राउन के साथ आत्महत्या कर लिया। इस प्रकार जर्मनी से नाजीवाद का अन्त हो गया।


द्वितीय विश्वयुद्ध [Second world war (1939-45)]


Second world war द्वितीय विश्वयुद्ध


* द्वितीय विश्व युद्ध का मुख्य कारण वर्साय की संधि द्वारा जर्मनी का अपमान था। 


* द्वितीय विश्व युद्ध का तत्कालिक कारण जर्मनी का पोलैण्ड पर आक्रमण था। 


* युद्ध में कुल 61 देशों ने भाग लिया। यह युद्ध 1 सितम्बर, 1939 को प्रारम्भ हुआ और 02 सितम्बर, 1945 का समाप्त हुआ। 


* युद्ध में 61 देश दो गुटों में बंटे थे-मित्र तथा धुरी राष्ट्र। 


* मित्र राष्ट्र में U.S.A., इंग्लैण्ड, फ्रांस तथा रुस थे। धुरी राष्ट्रों में जर्मनी, इटली, तथा जापान थे। 


* जापान तथा चीन के बीच मन्चूरिया क्षेत्र पर अधिकार के लिए युद्ध हो गया। अतः चीन जापान के विरुद्ध लड़ा। इस प्रकार प्रत्यक्ष रूप से चीन मित्र राष्ट्रों के साथ था। 


* इस युद्ध में जापान ने अमेरिका का हवाई द्विप पर स्थित पर्ल हारबर नामक नौसैनिक केन्द्र को तबाह/ध्वस्त कर दिया। जिस कारण अमेरिका ने 06 अगस्त, 1945 को जापान के हिरोशिमा पर यूरेनियम से बना Little boy नामक परमाणु बम गिरा दिया तथा 09 अगस्त, 1945 को अमेरिका ने जापान के नागशकी पर पोलोनियम से बना Fat man नाम परमाणु बम गिरा दिया। 


* इस युद्ध में जर्मनी ने रुस से यह संधि किया था कि वे आपस में वे युद्ध नहीं करेंगे किन्तु जर्मनी ने इस संधि को तोड़कर रुस पर आक्रमण कर दिया। किन्तु जर्मनी की अधिकतर सेना ठण्ड से मर गयी। दूसरी तरफ जर्मनी की नौसेना डेनमार्क इत्यादि पर हमला करने दौरान नष्ट हो गयी। 


* इंग्लैण्ड की शाही वायु सेना (RAF – Royal Air Force) ने जर्मनी के संधि से अधिक विमानों को मार के गिरा दिया। 


* जर्मनी ने फ्रांस पर अधिकार कर लिया था।


* इंग्लैण्ड की सेना जर्मनी में घूसने के लिए फ्रांस के नारमण्डी नामक स्थान पर प्रवेश की। जबकि, इंग्लैण्ड की सेना बर्लिन (जर्मनी) पहुँचती उससे पहले ही रुस की सेना बर्लिन पहुँच चुकी थी और हिटलर आत्महत्या कर चुका था। 


* जर्मनी की राजधानी बर्लिन में एक दिवार को खड़ा कर दी गयी जिसे बर्लिन की दिवार कही गयीं अब जर्मनी दो भागों में बंट गया था। 


* पूर्वी जर्मनी पर रुस का अधिकार हो गया जो साम्यवादी था (सबकुछ सरकारी)/Communist/जबकि पश्चिमी जर्मनी पर इंग्लैण्ड तथा U.S.A. का प्रभाव पड़ गया। 


* पश्चिमी जर्मनी पूंजीवादी था। (सबकुछ Private) 


* 1990 में बर्लिन की दिवार गिरा दी गयी और जर्मनी का दुबारा एकीकरण हो गया। 


Note: द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जर्मनी के जनरल रोमेल को डेजर्ट फाक्स कहा जाता था। 


Note: द्वितीय विश्वके समाप्ती के बाद राष्ट्रपति रुजवेल्ट थे इंग्लैण्ड के प्रधानमंत्री विस्टन चर्चिल तथा जापान के सम्राट हिरो-हितो थे।


शीत युद्ध [Cold war] 


शीत युद्ध Cold war


* द्वितीय विश्व युद्ध के समाप्ती के बाद 1945 से 1991 तक जो वाकयुद्ध (बात-चित) चला उसे शीत युद्ध कहा जाता है। यह युद्ध अमेरिका तथा रुस के बीच हो रहा था। 


उस समय रुस 15 देशों का एक संघ था जिसे सोवियत संघ कहा जाता था। 1991 में सोवियत संघ 15 देशों में टूट गया और शीत युद्ध की अंत हो गयी।


चीन का क्रान्ति 


* यह 1911 में प्रारम्भ हुयी। इस क्रान्ति के नायक डा. सनयात सेन थे। इन्होंने चीन के मंचू वंश के शासन को उखाड़ फेंका।


* सनयात सेन ने 1912 में क्योंमिगतांय पार्टी का गठन किया।


* 1987 ई. में क्योमिगतांग पार्टी से साम्यवादी (communist) विचारधारा के लोग अलग हो गये। 


* जिस कारण 1928 ई० में चीन गृह युद्ध हो गया। 


* गृह युद्ध के दौरान communist का नेतृत्व माओ-से-तुंग कर रहा था। 


* माओत्सेतुंग एक कट्टर communist नेता था। communisto के दमन के लिए चीन यांग फाइरेक ने साम्यवादी command Blue shirt Army का गठन किया। किन्तु यह communisto को हरा नहीं सका और चीन के Reserve Bank का सोना लेकर यह फारमोसा द्विप भाग गया। फारमोसा द्विप का वर्तमान नाम ताइवान है। 


* वर्तमान समय में चीन ताइवान को एक देश की मान्यता नहीं देता है। 


* 01 अक्टूबर, 1949 को चीन को गणराज्य घोषित कर दिया।


* चीन गणराज्य का पहला अध्यक्ष माओ-से-तुंग को बनाया गया। 


* माओ-से-तुंग ने बोला था कि समाजिक क्रान्ति बन्दूक की नल्ली से निकलती है। 


* माओ-से-तुंग का कहना था जहाँ अधिक लोग रहेंगे वहा अधिक तरह के विचार भी आएंगे। 


* चीन ने जॉन रे के नेतृत्व में खुले द्वार की निति अपनाया। अर्थात् चीन ने देश को पूरे विश्व के व्यपार के लिए खोल दिया ऐसा करने वला वह पहला कम्युनिष्ट देश था।





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